


मप्र ऐसा राज्य है जो एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट (टियरडाउन यूनिट) स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जर्मनी की एक कंपनी से इसके लिए बातचीत चल रही है। यह यूनिट देश में एयरोप्लेन की कमी को दूर करने में अहम रोल अदा करेगी। भविष्य में मप्र को एयरोप्लेन का रख-रखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) यूनिट भी मिल सकती है। जब किसी भी राज्य में ये दोनों यूनिट हो तो प्लेन का निर्माण करने वाली कंपनियां उत्पादन की दिशा में कदम रख सकती है। डिस्मेंटल यूनिट लगाने की इच्छुक जर्मनी कंपनी के प्रमुखों से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दो दौर की बातचीत हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री उक्त यूनिट की स्थापना को लेकर काफी प्रयासरत है। इसकी शुरुआत जर्मनी यात्रा के दौरान हुई थी। तभी मुख्यमंत्री से उक्त यूनिट में रूचि रखने वाली कंपनी के प्रमुखों की बातचीत हुई थी, इसके बाद जर्मनी का एक दल हाल में मध्यप्रदेश के भ्रमण पर आया था। अधिकारियों की माने तो सरकार कंपनी को जमीन और कई सुविधाएं देने को तैयार है।
क्या होती है एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट
यह हवाई जहाज को विघटित करने वाली इकाई अर्थात टियर डाउन इकाई कहलाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी विमान को व्यवस्थित रूप से अलग किया जाता है। इसमें सबसे अहम, उपयोगी पुर्जों अथवा उपकरणों को बचाना प्रमुख चुनौती होती है। इस प्रक्रिया में खतरनाक सामग्रियों को हटाना, इंजन और लैंडिंग गियर जैसे प्रमुख पुर्जों को अलग करना, फिर शेष संरचना को पुनर्चक्रण के लिए छोटे टुकड़ों में काटना शामिल होता है।